संवाददाता मुंबई - अनुसूचित जाति का वैधता प्रमाणपत्र जमा न कर पाने के चलते नौकरी गंवाने वाले ५२९८ सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति मानवतावादि दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को ११ महीने के लिए अंशकालिक के तौर पर काम पर रखने का निर्णय लिया है। शनिवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में लिए निर्णय के मुताबिक सभी प्रशासकीय विभागों व उसके अधीन काम करनेवाले सरकारी व अर्थ सरकारी संस्थानों को अनुसूचित जाति का वैधता प्रमाणपत्र न दे पाने के चलते रिक्त पदों की जानकारी ३१ दिंसबर २०१९ तक जुटाने के लिए कहा गया हैजातिवैधता प्रमाणपत्र न दे पाने के चलते नौकरी गंवाने की स्थिति तक पहुंचने वाले कर्मचारियों को ११ महीने तक अंशकालिक के तौर पर पद पर कायम रखने का निणय किया गया हैइसके अलावा इस पूरे मामले को देखने के लिए स्वतंत्र मंत्री गट की स्थापना की गई है। जो कर्मचारियों की सेवा व सेवानिवृत्ति से जड़े लाभ सहित सभी पडलों का अध्ययन कर अपनी सिफारिश सरकार के पास भेजेगा
जाति प्रमाणपत्र ने देने के चलते नौकरी गवाने वालों को राहत, अंशकालिक के तौर पर मिलेगी नोकरी