‘साकेत ग्रुप’ व उनके ‘पार्टनरों’ पर विवेक पांडे ने लगया कई सनसनीखेज आरोप ।
‘साकेत ग्रुप’ व उनके ‘पार्टनरों’ पर विवेक पांडे ने लगया कई सनसनीखेज आरोप ।


कल्याण /प्रमोद कुमार :- कल्याण डोंबीवली के आसपास क्षेत्रों में ‘साकेत ग्रुप’ एक सुप्रसिद्ध नाम है, जिसे शैक्षणिक संस्थान के साथ गगनचुंबी बिल्डिंगों को खड़ी करने में भी महारत् हांसिल है. फिलहाल कल्याण (पूर्व) में ऐसा ही एक प्रोजेक्ट अनशन का केंद्र बन चुका है, यहां विवेक पांडेय नामक युवा अनशन पर बैठा है. उक्त युवा जहां ‘साकेत ग्रुप’ व उनके ‘पार्टनरों’ पर कई सनसनीखेज आरोप लगा रहा है, वहीं खुद के परिवार के लिए हक-न्याय की गुहार भी लगा रहा है।
गौरतलब है कि कल्याण पूर्व के (चेतना) पर ‘साकेत ग्रुप’ की आलिशान बिल्डिंगों का प्रोजेक्ट शुरू है. इसी प्रोजेक्ट के मुख्यद्वार के बगल में ही विवेक पांडेय नामक एक युवा अनशन पर बैठा है, जिसे शनिवार को स्थानीय कोलेसेवाड़ी पुलिस स्टेशन ने डिटेंन किया. इसके बाद से यह मामले तूल पकड़कर अत्यधिक सुर्खियों में आया क्योंकि उक्त युवा कोलेसेवाड़ी पुलिस स्टेशन से छूटते ही शनिवार की देर शाम फिर वहीं आकर अनशन पर बैठ गया. रात करीबन १० बजे अनशन स्थल पहुंचे कुछ पत्रकारों को विवेक पांडेय ने अनशन के पीछे छिपी व्यथा को बताया. विवेक पांडेय की मानें तो उसके दादा शिवप्रसाद पांडेय से उसके छोटे दादा देवी प्रसाद पांडेय ने काफी पारिवारिक पैसा लेकर विभिन्न प्रोजेक्ट में लगाया है, जिसमें साकेत ग्रुप का यह प्रोजेक्ट भी शामिल है. विवेक पांडेय द्वारा मीडियाकर्मियों व आवंतुकों सहित राहगीरों को व्यथा सुनाया जा रहा है कि ‘साकेत ग्रुप’ व उनके पार्टनरों द्वारा हमारा हक नहीं दिया जा रहा है और विजय मिश्रा जैसे उनके कुछ पार्टनर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर हमें ही फंसाने के प्रयास में जुटे हैं. यदि हमारे साथ कोई अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार ‘साकेत ग्रुप’ व स्थानीय पुलिस को मान जाय।
लग सकता है ग्रहण – अनशन पर बैठे विवेक पांडेय नामक इस युवा द्वारा शनिवार की रात १० बजे ही अनशन स्थल से यह भी दावा किया जा रहा था कि इस बिल्डिंग प्रोजेक्ट में अतिक्रमण सहित बहुत सी अनियमितता बरती जा रही है, जिसके कारण संबधित विभागों की जांच व न्यायालय से हक दिलाने की मांग के बाद ‘ग्रहण’ लग सकता है यांनि बिल्डिंगों का निर्माण कार्य थम सकता है. इसलिए खरीददार व सोच-समझकर खरीददारी करें ताकि उनका नुकसान ना हो।
‘साकेत ग्रुप’ की तरफ से इस प्रोजेक्ट को देख रहे विजय मिश्रा से फोन पर जानकारी लेने की कोशिश किया तो बोले मैं बाहर हु मुझे कुछ जानकारी नही है ।
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