कल्याण में नार्को टेररिज्म के खिलाफ संगठित लड़ाई जरूरी पेश भोईर ऐलान बर्मा वाला, वजाहत खान, उषा गुप्ता द्वारा "पीपुल्स मूवमेन्ट अगेंस्ट ड्रग्स" का संयुक्त आयोजन
 ठाणे । पहले युद्ध मे सेना लड़ती थीं, सैनिक मारे जाते थे. इसमे बड़ी राशि लड़ने वाले देशों की खत्म होती थी. अब दुश्मन देश लड़ाई के तरीके बदल कर देश की भावी पीढ़ी युवाओं, विश्व विद्यालय के विद्यार्थी, यहाँ तक की ९-१० कक्षा के विद्यार्थियों तक को निशाना बनाकर उनको ड्रग के नशे का आदि बनाया जा रहा है. इसके खिलाफ लड़ाई जरूरी है. और यह लड़ाई एक ब्यक्ति या एक संस्था अकेले नही लड़ सकती है, इसके लिए सामूहिक रूप से संगठित होकर लड़ना पड़ेगा. 'पीपुल्स मूवमेन्टस अगेंस्ट ड्रग्स', के कार्यक्रम मे ऐसे उदगार वक्ताओं ने ब्यक्त किये.
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर कल्याण पश्चिम मे स्वामीनारायण हॉल मे नशा विशेषकर ड्रग के खिलाफ मार्गदर्शन का आयोजन किया गया था.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कल्याण शहर संगठक रूपेश भोईर, कांग्रेस के वजाहत खान और सामाजिक संस्था'असमर्थ नागरिक सेवा भावी संस्था के ऐलान बर्मावाला और उषा     गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप सेसे 'पीपुल्स मूवमेन्टस अगेंस्ट्स ड्रग्स', कार्यक्रम का आयोजन किया था.
शहर के ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव प्रकाश मुथा, पूर्व कांग्रेस पार्षद इफ्तिखार खान, शहर मशहूर वकील मकसूद पेश इमाम, डॉक्टर समाज फालके शिक्षाविद माणिक लाल शिंपी, अंजुमन ट्रस्ट के आजम शेख, अजहर काजी, बाजार पेठ पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक केंजले आदि मान्यवरों ने नशा की प्रवृत्ति, उसके दुष्प्रभाव के दायरे, देश के नौनिहालों पर ड्रग्स नशा का कसता शिकंजा, विद्यार्थियों के नशे के शिकार होने की वजहें, ड्रग्स पीड़ितों की पहचान इन सब के बारे में मार्ग दर्शन किया.
वक्ताओं ने अपने संबोधन मे ड्रग्स के कारोबार उसकी ब्यापकता और उसके आर्थिक ताकत को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अरबों रूपयों का है. इसका एक ब्यवस्थित नेटवर्क है, इसकी खिलाफत पर करने पर कानूनी समस्याओं, धमकियों, जानलेवा हमलों का खतरा है तो क्या डर कर अपने बच्चों को बरबाद होने देंगे? इस लिए एक ब्यक्ति या एक संस्था ही नही बल्कि संगठित होकर लड़ने की जरूरत वक्ताओं ने बताई.
कार्यक्रम मे बतौर मुख्य वक्ता प्रकाश मुथा ने पुलिस के रुख पर अफ़सोस ब्यक्त किया. मुथा ने कहा कि नशे के खिलाफ जागरुकता हर तीन महीने मे कालेजों मे हो और उसमे पुलिस अधिकारी आयें, लेकिन कभी कोई अधिकारी नही आता है. कोई हवलदार को भेज देते हैं.
इसी तरह ड्रग्स के शिकार लक्षणों की जानकारी देते हुए डॉक्टर रमीज फालके  ने बताया कि अभिभावक अपने बच्चों के लिए समय निकालें उनके साथ समय दें और समन्वय स्थापित करे. ड्रग्स विरोधी कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश मुन्ना पाण्डेय ने किया और रूपेश भोईर ने आभार  ब्यक्त किया!
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